यदि आप एक खास प्रोग्राम में नहीं जा सकें हो तथा महंगाई के आलम में जान हथेली पर वाला एडवेंचर ट्रिप के शौक को पूरा करने से वंचित रह गए हैं तो महज दस से बीस रुपए में एडवेंचर ट्रिप का आनंद लेने के लिए पटनिया टेम्पू ट्रैवल में आपका स्वागत है। हमारी गारंटी है कि इस शानदार ट्रिप में आपको हर पल रोमांच का अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त होगा! इस एडवेंचर ट्रिप के लिए आपको सशरीर हवाई मार्ग से हवाई अड्डा तथा ट्रेन से पटना जंक्शन ,राजेंद्र नगर टर्मिनल, दानापुर अथवा पाटलिपुत्रा जंक्शन अथवा सड़क मार्ग से बैरिया बस स्टैंड उतरना होगा। फिर इस एडवेंचर ट्रिप के लिए रिजर्व टैक्सी सेवा की बजाय शेयरिंग वाली किसी ऑटो या टेम्पो में सफर करना चाहते हैं तो चलिए आज के प्रसंग में पटना की सड़कों पर एडवेंचर ट्रिप का आनंद देने वाले पटनिया ऑटो ड्राइवर की कुछ खुबियों से आपका परिचय कराते हैं। पटनिया ऑटो ड्राइवर कुशल प्रबंधक होता है।यह टेम्पो के पीछे की चौड़ी सीट पर तीन लोगों को बैठाता है जबकि आगे की कम जगह वाली ड्राइवर सीट पर अपने अलावा तीन अन्य पैसेंजर को बड़ी ही कुशलता से एडजस्ट कर लेता है।तीन पैसेंजर के साथ खुद को समायोजित करने की अर्थात बैठ कर ड्राइव करने की दो अवस्थाएं होती है ,बीच में या फिर साइड. पहली अवस्था में एक तरफ लटकी हुई हाफ तशरीफ पर झुकी हुई अवस्था में ये टेम्पो उड़ाते हुए नजर आ जाएंगे जबकि दूसरी स्थिति में तशरीफ और सीट के स्पर्श मात्र से स्वयं को टिका कर हैंडल पकड़ अथवा ईशान कोण में खड़ा हो फुल स्पीड में हुड़हुड़ाते हुए ड्राइविंग का अद्भुत दृश्य अखिल भारतीय स्तर पर सिर्फ और सिर्फ पटना की सड़कों पर ही देखने को मिल सकता है। ऑटो ड्राइवर समयनिष्ठ पंक्चुअल होता है।बस स्टैंड से पैसेंजर को बैठाने के चक्कर में चालक भले ही जितना विलंब कर दें किंतु पैसेंजर सीट फुल होने के बाद यह रॉकेट की गति से बाएं-दाएं राइट साइड रांग साइड ऑटो के अधिकतम गति और अधिकतम शोर के साथ गंतव्य की ओर कूच करता है।भले ही इनके कारण सड़क पर जाम लग जाए किंतु लाइन में रहकर समय बर्बाद करने मे ये विश्वास नहीं रखते और अमिताभ बच्चन की तरह अपनी लाइन खुद तैयार कर लेते हैं। पटनिया ऑटो ड्राइवर खोजी प्रवृत्ति का आविष्कारक होता है। जानकारी मिलने भर की देर है कि आगे सड़क जाम है अथवा पेपर चेकिंग अभियान चल रहा है।बस फिर क्या ये पटना की ऐसी टेढ़ी-मेढ़ी गलियों में गोल-गोल घूमाते हुए आपको गंतव्य तक पहुंचा देगा जिन गलियों को ढूंढ पाना कोलंबस के वंशज के वश से बाहर हो! पटनिया ऑटो ड्राइवर मानव रूप में यम का टेम्पररी एजेंट होता है। गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी यात्रियों से ज्यादा ड्राइवर को रहती है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ये बिना ब्रेक लिए वन रन में द्रुत गति से चलाते समय तीखे मोड़ पर टर्न लेने के दौरान यात्रियों को परिवार या परिचित तक पहुंचाने की बजाय अस्पताल अथवा अल्लाह दर्शन करवाने में भी अहम भूमिका निभाते है। बहरहाल सभी पटनिया ऑटो ड्राइवर एडवेंचर ट्रिप के एक्सपर्ट नहीं होते। कुछ कमजोर दिल वाले अथवा परिवार वाले चालक भी हैं जो ट्रैफिक नियम के अनुकूल मध्यम गति से गाड़ी चलाते ।ऐसा नहीं है कि बिना सेंसर बोर्ड वाले अश्लील भोजपुरी गीत इंडस्ट्री की तरह पटनिया परिवहन बिना ट्रैफिक कंट्रोल व्यवस्था के है। सौ से दो सौ मीटर पर यातायात पुलिस अथवा सिविल थाना हैं किंतु पटनिया ऑटो ड्राइवर के क्षमता से ज्यादा यात्री ढोने और जिगजैग ड्राइविंग जैसे साहसिक कारनामा के दौरान इनके अंदर धृतराष्ट्र और गांधारी की आत्मा प्रवेश कर जाती है। दिन रात आने-जाने वाले बाइक सवार यात्रियों के हेलमेट,फोर व्हीलर फ्रंट सीटर सवारी का सीट बेल्ट चेक कर, कागजात चेक कर, चालान कर आदि शौर्य पूर्ण कर्त्तव्यों को अंजाम देते हैं। अंत में मै यही कहूंगा कि यातायात पुलिस की छत्रछाया में पटना की सड़कों पर दुपहिया और चारपहिया के बीच तिपहिया की धूम के आगे धूम फेल है।