कुशेश्वरस्थान पूर्वी (दरभंगा)...प्रखंड से होकर गुजरने वाले कोसी नदी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही इसमें तेजी से कटाव शुरू हो गया है। जिसके कारण छोटकी कोनिया गांव में नदी किनारे बसे आधे दर्जन से अधिक घर कटाव के जद में आने का खतरा मंडराने लगा है। जिससे लोगों में दहशत व्याप्त हो गया है। बताते चलें कि कोसी नदी को बिहार के शोक के रूप में भी जाना जाता है। इस नदी में हर साल जलस्तर में वृद्धि और कम होने पर इसमें भीषण कटाव शुरू हो जाता है। इन दिनों कोसी नदी में छोटकी कोनिया गांव के सामने तेजी से कटाव हो रहा है। गांव और नदी के बीच का फासला लगभग ढ़ाई से तीन मीटर की दूरी रह गया है। अगर कटाव रोधक काम नहीं किया गया तो दो से तीन दिन में प्राथमिक विद्यालय छोटकी कोनिया सहित रंजीत मुखिया,राम जतन मुखिया,दुखाय मुखिया,कृणदेव मुखिया, रविन्द्र मुखिया,भीखो मुखिया, श्री लाल मुखिया, रमाकांत मुखिया,राम चन्द्र मुखिया,बेचन मुखिया,राम देव मुखिया, विजय मुखिया तथा राम नंदन यादव का घर नदी में विलीन होने की संभावना बन गई है। रंजीत मुखिया,राम जतन मुखिया तथा दुखाय मुखिया के घर कब नदी में कट जाए कहना मुश्किल है। ये लोग अपने छोटे छोटे बच्चों को घर में सुलाकर घर के बड़े बुजुर्ग रतजगा कर समय व्यतीत कर रहे हैं। उसरी पंचायत के वार्ड नंबर 14 के सदस्य प्रतिनिधि रमाकांत मुखिया ने बताया कि छोटकी कोनिया गांव के सामने विगत तीन चार वर्षों से नदी में कटाव हो रहा है।हर साल इसकी सूचना पूर्वी प्रखंड के सीओ को दिया जाता है। लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण छोटकी कोनिया के सामने नदी में कटाव रोधक काम नहीं किया जाता है। जबकि बगल के बड़की कोनिया,कुंज भवन गांव में कटाव रोधक काम कर उसे बचाया जाता है। लेकिन छोटकी कोनिया गांव को कटाव से बचाने हेतु न तो स्थानीय प्रशासन कोई पहल कर रहा है न जल संसाधन विभाग ही इसका कोई उपाय करता है। जबकि छोटकी कोनिया गांव पर कटाव का खतरा काफी बढ़ गया है। इस संबंध में जलसंसाधन विभाग के अभियंता संजय कुमार मुखिया ने बताया कि छोटकी कोनिया गांव के सामने नदी में हो रहे कटाव का निरीक्षण किया है। कटाव रोधक काम करने के लिए सूची में दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।