दरभंगा.....ख्यातिलब्ध पत्रकार एवं समाजसेवी स्वर्गीय राम गोविंद प्रसाद गुप्ता की 88 वीं जयंती के अवसर पर शहर के दोनार चौक स्थित सागर फैमिली रेस्टोरेंट के सभागार में "समय का सत्य और पत्रकारिता की मर्यादाएँ" विषयक संगोष्ठी पर आधारित संगोष्ठी की शुरुआत अतिथियों ने स्व. रामगोविंद प्रसाद गुप्ता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया। संबोधित करते हुए देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में सुमार कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं संस्कृत के प्रखर विद्वान प्रो देव नारायण झा ने कहा पत्रकार, समाज का आईना है, आदर्श है और यह जितना बेहतर होगा समाज उतना ही स्वच्छ बनेगा।सत्य को उजागर करने वाले पत्रकारिता का पथ कांटों भरा होता है, इसी पथ पर चलकर पत्रकार समय के सत्य को मर्यादा के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा सत्य सदैव सत्य ही रहता है पर समय के प्रभाव से बस नजरिया बदल जाता है।उन्होंने पत्रकारों का आह्वान करते हुए कहा लोकतंत्र को जीवित रखने में आप अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ बरकरार रखें।विपरीत परिस्थितियों में भी रहते हुए आप सत्य को सामने लाते हैं हम इसके लिए आपको शुभकामना देते हैं।संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि नगर विधायक, संजय सरावगी ने कहा पत्रकारिता आज भी सत्य के साथ खड़ी है पर इसमें व्यावसायिकता का प्रवेश हो चुका है। जिस कारण स्थिति में बदलाव आया है वैसे पत्रकारिता का फलक बढ़ा है और जो खबर पहले चार दिन में सामने आती थी वो अब चंद मिनटों में दिख जाती हैं। पत्रकारो को लेखनी कुंदता की ओर न बढ़े इसका भी ख्याल रखना होगा।उन्होंने कहा सत्य का स्वरूप नहीं बदलता वो हर युग में एक समान ही रहता है, पत्रकारिता को सत्य का पहरेदार माना गया है और सत्य को उजागर करना ही सच्चा धर्म है पत्रकारिता। यूट्यूब चैनलों की बढ़ोतरी से अब खबर तुरंत मिल जाती हैं पर पहले आने की आपाधापी में सत्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य पीछे छूट रहे है। यह स्थिति स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक हो रही है।पत्रकारिता की प्रक्रिया ऐसी होती है जिसमें तथ्यों को समेटने, उनका विश्लेषण करने फिर उसके बाद उसकी अनुभूति कर दूसरों के लिए अभिव्यक्त करने का काम किया जाता है।वरिष्ठ पत्रकार रविभूषण चतुर्वेदी ने बताया कि जिस तरह से समय के साथ सत्य के निर्धारण का मापदंड बदला है वैसे ही पत्रकारिता की मर्यादा बदली है। सोशल मीडिया के प्रवेश से इस मर्यादा में विखंडन आरंभ हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार नवीन सिन्हा ने कहा कि सत्य को व्यक्त करने पर पहले भी पत्रकार उत्पीड़ित होते थे और आज भी यह दौर जारी है।अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार डॉ कृष्ण कुमार ने किया उन्होंने कहा सच्चा पत्रकार हमेशा पत्रकारिता की गरिमा का ख्याल रखता है यह प्रवृत्ति आज भी बरकरार है।सम्बोधित करने वालो में वरिष्ठ पत्रकार विष्णु कुमार झा,वरिष्ठ रसायन शास्त्री एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष, डॉ प्रेममोहन मिश्रा, प्रो रामचंद्र सिंह चन्द्रेश एवं अन्य ने सम्बोधित किया।अतिथियों का स्वागत पत्रकार प्रदीप गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद गुप्ता ने किया। संगोष्ठी का संचालन डॉ अनंत देव नारायण सिंह ने किया।