कुशेश्वरस्थान पूर्वी(दरभंगा).....इस कड़ाके की ठंड में नीचे जमीन और खुले आसमान में कुहासे के बीच पढ़ने को विवश हैं भरडीहा गांव के बच्चे,उल्लेखनीय है कि प्राथमिक विद्यालय भरडीहा में छात्र, छात्राएं तथा शिक्षक इस कड़ाके की ठंड के बीच खुले आसमान में पढ़ने और पढ़ाने के लिए विवश हैं।लेकिन भवन निर्माण के लिए शिक्षा विभाग से कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है। बताते चलें कि 3 दिसंबर 2022 को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान बिहार शिक्षा परियोजना दरभंगा के पत्रांक 1661 दिनांक 5.11.2022 के आलोक में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विद्यानंद शर्मा की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक में विद्यालय के पुराने जर्जर भवन को सुरक्षित तोड़ने एवं इसके अवशेष को साफ करने के लिए नीलामी हुई। इसके बाद विद्यालय को तोड़ कर इसके मलबे को हटा दिया गया। लेकिन पुराने जर्जर भवन को तोड़ कर इसके अवशेष को हटाये जाने के बाद भी अब तक यहां नये विद्यालय भवन बनाने के लिए विभाग से राशि का आवंटन नहीं हुआ है।छोटा सा टीन के चदरा का सेड बनाकर उसमें 1-5 तक के कक्षा का संचालन शुरू किया गया। साथ ही उसी सेड के एक किनारे में मध्यान्ह भोजन भी बनाया जाता है। ग्रामीण प्रमोद यादव, डोमी साह, छेदी यादव, जय जय राम पासवान,बैजनाथ पासवान, सतीश मांझी, दिलीप यादव सहित दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि इस कड़ाके की ठंड में बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। बच्चे को ठंड लग जाय या कोई अनहोनी हो जाय तो इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा, सरकार या विद्यालय के शिक्षक ? विद्यालय के वर्ग 5 के छात्र वर्ग 2 सहित कई छात्रों ने बताया कि हमलोग को पढ़ने के लिए ब्लेक बोर्ड भी नहीं है। जब
विद्यालय नही है तो ब्लेक बोर्ड कहां से मिलेगा?पढ़ने का तो मन है लेकिन इस ठंड में शरीर कांपते रहता है। विद्यालय के एचएम विद्या नंद शर्मा ने बताया कि भवन निर्माण हेतु बीईओ और विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन अब तक भवन निर्माण के लिए राशि का आवंटन नहीं हुआ है। वहीं इस सम्बंध में बीईओ चौधरी ने बताया कि वे कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के प्रभार में आए हैं। जानकारी के मुताबिक जिला में सम्बंधित विभाग से मिलकर मीटिंग में बात को रखेंगे और अविलंब विद्यालय भवन निर्माण के लिए राशि की मांग कर भवन निर्माण कराया जायेगा। वहीं हिरणी गांव के भाजपा नेता घनश्याम चौधरी ने इसे वर्तमान सरकार के शिक्षा के प्रति नकारात्मक सोच का संज्ञा देते हुए कहा कि ऐसे में कैसे शिक्षा का स्तर सुधरेगा जब बच्चों को इस कड़ाके के ठंड में खुले आसमान के निचे पढाया जा रहा है।