समस्तीपुर : स्वस्थ्य शैक्षणिक वातावरण हेतु शिक्षकों - अभिभावकों की बैठक में शुक्रवार को प्रधानाचार्य प्रो. कुशेश्वर यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण के सुधार के लिए महाविद्यालय परिवार और अभिभावकों से सहयोग की अपेक्षा की जरूरत है, जिसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है । उन्होंने महाविद्यालय के कुशल शिक्षकों से कहा शैक्षणिक गतिविधियों जैसे सेमिनार, वर्कशॉप, कांफ्रेंस आदि को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जाए, साथ ही महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण कि अभिवृद्धि हेतु उन्होंने नवीन उपकरणों जैसे ऑडियो - विजुअल टीचिंग ऐड्स के नियमित रख रखाव एवं उनकी संख्या को बढाने एवं प्रयोगशालाओं की वर्तमान स्थिति को सुधारने की आवश्यकता पर बल दिया । बैठक में अभिभावक के तौर पर अपनी बात रखते हुए विजय नंदन जी ने शैक्षणिक वातावरण के सुधार के लिए विद्यार्थियों से ज्यादा अभिभावकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए विद्यार्थियों के नियमित वर्ग में भागीदारी को आवश्यक बताया तथा शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य से सहयोग की अपेक्षा जताई । अगले वक्ता के रूप में आर के राय ने इस बात पर जोर दिया कि जिला प्रशासन को, कॉलेज को चुनाव प्रक्रिया से मुक्त रखना चाहिए।महाविद्यालय के इतिहास को ध्यान में रखते हुए उन्होंने प्रोफेशनल कोर्सेस का भी संचालन शुरू करने का सुझाव दिया साथ ही छात्रावास के पुनर्निर्माण, सभी प्रधानाचार्यों की फोटो लगाने, महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण के सुधार के लिए एक समिति का गठन आदि जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए । अगले वक्ता के रूप में सेवानिवृत्त शिक्षक रामचन्द्र प्रसाद शर्मा ने शिक्षको को अपने दायित्व का निर्वहन करने का सुझाव दिया साथ ही कॉलेज के स्पोर्ट्स ग्राउंड की बाउंड्री हरे वृक्षों से सुसज्जित करने का सुझाव दिया । महाविद्यालय के शिक्षक डॉ दयानंद मेहता, डॉ महेश चौधरी, डॉ दुर्गेश राय, डॉ. मुहम्मद सफवान सफवी ने प्रधानाचार्य के द्वारा उठाए जा रहे क़दमों की सराहना की एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षक के साथ ही साथ अभिभावकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया । सेवानिवृत प्रोफेसर निर्मल सिंह ने भी अपने वक्तव्य में महाविद्यालय को चुनाव प्रक्रिया से मुक्त रखने पर जोर दिया,सेवानिवृत प्रोफेसर प्रभात सर ने अपने अभिभाषण के दौरान प्रधानाचार्य द्वारा किये गए इस पहल की सराहना करते हुए महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण के सुधार हेतु अतिथि शिक्षकों, पूर्व छात्रों, पूर्व शिक्षकों एवं छात्र संगठनों की भूमिका पर बल दिया । साथ ही सेवानिवृत शिक्षकों के सम्मान एवं वर्ग संचालन में, जो सेवानिवृत शिक्षक इच्छुक हो उनकी सहायता का भी प्रस्ताव रखा । अपने अध्यक्षीय भाषण में पूर्व प्रधानाचार्य प्रोफेसर राम नारायण राय जी ने पूर्व प्रधानाचार्य कलेक्टर सिंह केशरी जी को याद करते हुए महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को बताया और कहा कि महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण के सुधार हेतु शिक्षक, अभिभावक एवं छात्र तीनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है । उन्होंने सभी को अनुशासित रहते हुए महाविद्यालय एवं छात्रों के विकास की ओर कार्य करने के लिए आह्वाहन किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर एस. एन. तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया । बैठक में महाविद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन डॉ. रीता चौहान, मनोविज्ञान विभाग ने किया ।