दरभंगा.....मधुबनी जिला के सीमा पर अवस्थित बिस्फी प्रखंड का सिंगिया गांव इन दिनों शक्ति की भक्ति के आराधना से गुंजायमान है। यहां माघी नवरात्र में देवी भगवती की पूजा आश्विन नवरात्र के तरह धूम धाम से मनाया जाता है। चार नवरात्र में से माघी नवरात्र का विशेष महत्व है। इसे गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है। सामान्यतया इस नवरात्रि में साधक अपने घरों में कलश स्थापना कर भगवती की पूजा करते हैं लेकिन सिंगिया के बाबा तिलक दास उदासी द्वारा स्थापित बजरंगबली मंदिर परिसर में वर्ष 2016 से प्रतिमा स्थापित कर पूजा की परंपरा शुरू है। कहा जाता है कि ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी सरस्वती का प्राकट्य इसी नवरात्रि के पंचमी तिथि को हुआ था। देवी भगवती के त्रिशक्तियों में महासरस्वती, विद्या की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसी नवरात्र के सप्तमी तिथि को तीनों लोकों के प्रकाशक भगवान सूर्यदेव का जन्म सप्तमी को हुआ था जिसे अचला सप्तमी भी कहते हैं। सनातन धर्म में अचला सप्तमी का विशेष महत्व है। 17 फरवरी को महा अष्टमी तिथि तथा 18 फरवरी को महा नवमी तिथि को हवन यज्ञ किया जाएगा। प्रतिदिन देवी भागवत पुराण कथा का वाचन किया जाता है। पूरे इलाके में एकमात्र माघी नवरात्रि पूजा के आयोजन होने से दूर दराज के लोग भी भगवती का दर्शन पूजा करने आते हैं। यह गांव राजा दशरथ को पुत्रेष्ठी यज्ञ कराने वाले श्रृंगी ऋषि के साधना स्थली के रूप में भी विख्यात रहा है। उस स्थान पर श्रृंगेश्वर महादेव मंदिर आज भी अवस्थित है।