कृषि / 2024-04-02 12:46:40

माघ मजरे,फागुन गुजरे,चैत लगे गाछ टिकोला, इस जुमले को सही ठहराता आम का छोटा पेड़,कुत्ता भी रखवाली में तल्लीन। (सृष्टि कृष्णा)

लखनऊ(यूपी).... मौसम की मार से बचे टिकोला, तो आम खाए अघाए,गांव- टोला। कुछ इसी तरह आम का जुमला सरेआम है। इस बार लखनऊ के अधिकांश जनपदों में आम की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद जतायी गई है।मलीहाबादी किस्म समेत, मालदह,कृष्ण भोग तथा अन्य किस्मों के पैकार अभी से ठेका बागान बुक कर रहे हैं। बात करें बागानों की तो,इस बार आम की फसल को लेकर कारोबारी खुश हैं। आम के एक पैकार किशन देव चौहान ने बताया कि अबकी पेड़ में मंजर लगें हैं लेकिन अभी तक आंधी की प्रारंभिक परीक्षा बाकी है। प्राकृतिक आपदा की मार से किसानों को नुकसान होता है।छलका दर्द सरकार के कानों तक यदि समय रहते पहुंच गया तो मोदी-योगी सरकार की सुनवाई से अच्छी उम्मीद। बात करें सुशांत गोल्फ कोर्स इलाके की तो इस इलाके के छोटे पेड़ों पर टिकोले के रूप में फली भी लगने लगी है।हां खास बात यह है कि इन बौरों की रखवाली में अच्छे नस्ल के कुत्तों को रक्षा के लिए लगाया गया है। नियमित रूप से आमों के इन पेड़ों की रख रखाव करने में कर्मचारी की तैनाती की गई है। बहरहाल सतुआनी पर्व तक आम और खास वर्ग के लिए कच्चे आम पहुंचने की संभावना है।

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