राजनीति / 2024-05-01 20:43:57

पूर्व विधायक पुष्पम का चिराग पर बयानों से तेज हमला । (संजय भारती)

समस्तीपुर : हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व राजद विधायक सुनील कुमार पुष्पम ने खगड़िया लोकसभा क्षेत्र अन्तर्गत हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के बिथान प्रखण्ड में इण्डिया गठबंधन के पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि खगड़िया से लेकर बिहार व देश के धरोहर रहे दिवंगत रामविलास पासवान जी के विरासत को लोजपा (रा) के सुप्रीम चिराग पासवान ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पूंजीपतियों के हाथों बेच दिया है । उन्होंने कहा कि दिवंगत रामविलास पासवान अपने जीवन काल में काफी संघर्ष के बाद खगड़िया से लेकर बिहार व देश के बीच अपने आप को स्थापित किये थे जो कि खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से लेकर बिहार वासियों से छुपा हुआ नहीं है। जिसे चिराग पासवान को पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान जी के निधन के बाद अनुकम्पा पर मिली राजनीति को अपना जागीर समझते हुए दिवंगत रामविलास पासवान जी के सपनों को चकनाचूर करते हुए बेच दिया है, जिसे खगड़िया समेत बिहार की जनता चिराग पासवान को माफ नहीं करेगा। सुनील पुष्पम ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान अपने पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के उपलब्धि को नहीं बताकर कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुझे आशीर्वाद प्राप्त है और मैं नरेन्द्र मोदी जी का हनुमान हूँ, लेकिन चिराग पासवान अपने पिता के गृह क्षेत्र को पूंजीपतियों के हांथों बेचकर पिता के गृह क्षेत्र में ही आग लगा दिया है। सुनील कुमार पुष्पम ने कहा चिराग पासवान पहले अपने गृह लोकसभा क्षेत्र में ही लोजपा (रा) के प्रत्याशी को जीत दिलवाकर दिखा दें तब समझा जायेगा कि वास्तव में चिराग पासवान नरेन्द्र मोदी का हनुमान है । उन्होंने कहा कि बिहार की जनता व दलित अब उतना मूर्ख नहीं है कि चिराग पासवान जो बोलेगें वो बिहार के दलित समाज इनकी बातें को मानते रहेगें । उन्होंने कहा कि चिराग पासवान संप्रदाय शक्तियों के गोद में बैठ कर दलित के नाम पर वोट एकत्रित करना चाहते हैं, जो दलित समाज ऐसा नहीं होने देंगे । उन्होंने चिराग पासवान से सवाल करते हुए कहा कि जिस समय नीतीश सरकार ने दलित को महादलित में विभाजित किया तो उस समय चिराग पासवान क्यों मौन साधे हुए थे? श्री पुष्पम ने कहा चिराग पासवान दलित समाज को पूंजीपतियों के हाथों बेचना चाह रहे हैं,जो कि बिहार के दलित समाज 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान को सबक सिखा कर रहेगें। मौके पर राजद विधायक सुनील कुमार पुष्पम, पूर्व मुखिया रामचन्द्र यादव, शिक्षक गंगा प्रसाद विद्यार्थी, लक्ष्मी यादव, अमन कुमार, भिखारी यादव, शोभाकान्त यादव, रामदयाल भारती, राय जी, अमरजीत यादव, सोहमा पंचायत के मुखिया मोहम्द नईम, साधु यादव आदि सैकड़ों इण्डिया गठबंधन के कार्यकर्ता उपस्थित थे। पूर्व विदित है कि खगड़िया लोकसभा सीट पर सात मई को चुनाव होना है। एक तरफ लोजपा (रा) पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं । वहीं दूसरी ओर इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशी सीपीआई (एम) के प्रत्याशी को जीत के लिए कोई कोर कसर छोड़ने की फिराक में नहीं है । इण्डिया गठबंधन ने खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में जाति समीकरण को देखते हुए अपने उम्मीदवार के रूप में खगड़िया लोकसभा सीट से सीपीआई (एम) पार्टी से मैदान में उतारा है । ऐसे में लोजपा (रा) प्रत्याशी को खगड़िया के किले को फतह कर पाना आसान नहीं होगा क्योंकि खगड़िया लोकसभा सीट पर स्थानीय उम्मीदवार को नहीं देना चिराग पासवान के लिए सिर दर्द बन चुका है।दिवंगत रामविलास पासवान के गृह जिला खगड़िया में लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के लिए एक तरफ जहाँ खगड़िया लोकसभा सीट प्रतिष्ठा बन चुका है तो वहीं दूसरी तरफ लोजपा (रा) प्रत्याशी को लेकर खगड़िया लोकसभा में लोजपा (रा) पार्टी समेत एनडीए सहयोगियों को भी सहेजना खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में चिराग पासवान के लिए टेढ़ी खीर के समान है । हलांकि एनडीए गठबंधन की तरफ से एक जुटता की बात कही जा रही है । लेकिन इसके बाबजूद भी बताया जा रहा है कि पार्टी प्रत्याशी को लेकर कुछ लोजपा (रा) खेमा, कुछ जदयू खेमा तो कुछ भाजपा खेमा में चिराग पासवान के प्रति नाराजगी चल रहा है । हाल ही में खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से 2014 एवं 2019 के लोजपा से रहे निवर्तमान सांसद लोजपा को छोड़कर महागठबंधन के राजद में शामिल होकर चिराग पासवान को एक बड़ा चुनौती दिया है तो वहीं खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के अलौली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके राष्ट्रीय लोजपा सुप्रीम पशुपति कुमार पारस भी चिराग पासवान से नाराज़ चल रहे हैं, जिसका खामियाजा भी लोजपा ( रा)पार्टी प्रत्याशी को भुगतने से इंकार नहीं किया जा सकता है । अब देखना है कि इस सब चुनौतियों को स्वीकार करते हुए चिराग पासवान अपने गृह जिला खगड़िया में अपने पिता की विरासत को बचा पाते हैं या नहीं?

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